Dies Irae फिल्म का रिव्यु

हॉरर फिल्म तो सब ने देखी है केसे केसे सीन होते है हॉरर फ़िल्म में जिन्हें देखकर कुछ लोगो के तो दिमाग से नही निकल पाते उसके सीन और ऐसा लगता है की कोई उनके साथ घूम रहा है जब वो अकेले होते है लेकिन लोग फिर भी हॉरर फिल्मे देखना पसंद करते है अपना होंसला बढ़ाने  के लिए और कुछ तो एडवेंचर के लिए देखते है और इस बार इंडियन हॉरर सिनेमा के अन्दर वो फिल्म आ रही है जिसने पूरे इंडियन हॉरर सिनेमा को बदल कर रख दिया है हॉरर  का असली मतलब दिखा दिया है क्या होता है हॉरर.

“भूत्कालम और ब्रमयुगम” फिल्म तो देखी  है सबने ये दो ऐसी हॉरर फिल्म थी की जिन्हें देखकर कुछ लोगो की तो नींद ही उठ गयी थी क्यूंकि इन दो फिल्मो में जो “सीन” दिए थे वो बहुत ही डरावने थे और इतनी डरावनी फिल्म नहीं थी कोई जितनी ये दो फिल्म है लेकिन इस बार इसी डायरेक्टर ने इनसे भी ज्यादा हॉरर की फिल्म लाये है और इस फिल्म का नाम है (Dies Irae) ये फिल्म हॉलीवुड की हॉरर फिल्मो से भी खतरनाक बताई जा रही है.

फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक लड़के से जो अमीर भी बहुत है जो एक आर्किटेक्ट है और अकेला रहता है और वो इन सब हॉरर चीजों से बहुत डरता है वो सिर्फ दोस्तों के साथ पार्टी,एन्जॉय,और गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती इन सब कामो में ही रहता है और सब चीजों से डर  लगता है उन्हें.

लेकिन एक दिन जब वे बहार टेहेल रहा था तो उस दिन बदली उसकी जिंदगी उसे क्या पता था की ये उसका बहार टेहेलना उसकी जिंदगी के लिए खतरनाक बन जाएगा क्यूंकि जब वो बहार टेहेल रहा होता है तो उसे एक कुआं दिखाई देता है और वो उसके पास जाता है और उसमे उस लड़के को एक लड़की की लाश मिलती है जिसे वे बहार निकालता है और लेकिन उसे क्या पता था की ये ही इसकी जिंदगी बदल देगी और उसे ऐसा कर दिया था की वो हर वक़्त ये सोच रहा होता है के उसके साथ कोई और दूसरा भी है जो उसका पीछा कर रहा है.

और घर में उसे परेशान करना दीवारों में भी होना उसको इतना परेसान किया की वो एक ऐसे इंसान के पास गया जिसको इन सब डरावनी चीजों के बारे में पता होता है लेकिन सबसे बड़े ट्विस्ट की बात तो ये है इस फिल्म में की इन दोनो में से कोई फिल्म का असली हीरो नहीं होता बल्कि असली हीरो वो होता है जो उस घुंघरू में होता है जो घुंघरू बजाता  है हॉरर इतना है इस फिल्म में की ये शायद सबसे ज्यादा हॉरर की फिल्म होगी.

Dies Irae

और फिल्म को अकेले देखने की गलती मत करना कोई क्यूंकि इस फिल्म में वो सीन दिए है इन्होने की जिन्हें देखकर लगता है की हमारे साथ भी कोई है कोई आत्मा और दीवार भी बोलती है ऐसा लगता है और धड़कने तेज होने लगती है क्यूंकि इस फिल्म का मीनिंग है Day of Judgement यानी जब भगवान किसी लाश को जिन्दा करके और उसका फैसला सुनाता है की (स्वर्ग या नर्क) फिल्म बहुत ही डरावनी है लेकिन जिसको एडवेंचर पसंद है वो अकेले देख सकता है.

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